Mahashivratri Vrat Katha

🕉 महाशिवरात्रि व्रत कथा 🕉

भगवान शिव की महिमा और महाशिवरात्रि व्रत की पौराणिक कथा पढ़ें।

📖 महाशिवरात्रि व्रत कथा

महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में चित्रभानु नाम का एक शिकारी था, जोकि शिकार करके ही अपने परिवार का पालन पोषण करता था। शिकारी ने एक साहूकार से काफी सारा कर्ज ले रखा था, जिसे वह समय पर नहीं चुका पाया। एक दिन साहूकार ने शिकारी को शिव मठ में बंदी बना लिया। जिस दिन साहूकार ने उसे बंदी बनाया उस दिन शिवरात्रि थी। चतुर्दशी के दिन उसने शिवरात्रि व्रत की कथा सुनी और शाम होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के बारे में कहा। शिकारी ने कहा कि वह अगले दिन सारा कर्ज चुका देगा। यह कहकर वह मुक्त हो गया और फिर से शिकार की खोज में निकला। बंदीगृह में रहने के कारण वह भूख-प्यास से व्याकुल हो गया और शिकार की तलाश में दूर निकल आया। अंधेरा होने पर उसने जंगल में ही रात बिताने का फैसला किया और एक पेड़ पर चढ़ गया। उस पेड़ के नीचे शिवलिंग था जो बेल के पत्तों से ढका था, जिसे शिकारी ने नहीं देखा था। पेड़ पर चढ़ते समय उसने जो टहनियां तोड़ी वह शिवलिंग पर गिरती गईं। रात के समय एक हिरणी पानी पीने तालाब के पास आई। शिकारी जैसे ही उसका शिकार करने गया तो हिरणी बोली मैं गर्भवती हूं शीघ्र ही मेरा प्रसव होगा। तुम थोड़ी देर रुक जाओ मैं बच्चे को जन्म देकर तुरंत तुम्हारे पास आ जाऊंगी। शिकारी ने हिरणी की बात मान ली और उसे जाने दिया। पेड़ पर रहते हुए शिकारी से अनजाने शिवलिंग पर बेलपत्र गिरते गए। इस तरह उसने अंजाने में प्रथम प्रहर की पूजा संपन्न कर ली। कुछ देर बार एक हिरणी आई। शिकारी जैसे ही उसे मारने के लिए धनुष बाण चलाने लगा तो हिरणी ने विनम्रतापूर्वक निवेदन किया कि मैं कुछ देर पहले ही ऋतु से निवृत्त हुई हूं और कामातूर विरहिणी हूं। मैं अपने प्रिय की तलाश में हूं। मैं उनसे मिलकर तुम्हारे पास आ जाऊंगी। शिकारी ने उसे भी जाने दिया।

🙏 महाशिवरात्रि पूजा विधि

🔥 महाशिवरात्रि व्रत का महत्व

शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह व्रत मनोकामनाएं पूर्ण करता है और मोक्ष प्रदान करता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष पूजन करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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